मुट्ठी में सिमटी है जो तकदीरें हमारी अरसे से, हाथों की लकीरों को तेरे नाम किये जा रही हूँ। मुट्ठी में सिमटी है जो तकदीरें हमारी अरसे से, हाथों की लकीरों को तेरे नाम किये ज...
मेरे खवाबों के इस खवाब को हक़ीक़त बना दे ऐ मौला। दो दिलों की इस अधूरी दास्तां को मेर मेरे खवाबों के इस खवाब को हक़ीक़त बना दे ऐ मौला। दो दिलों की इस अधूरी दास्त...
देशहित में कल ये कदम अवश्य उठाना है, घर में ही रहना है, कहीं बाहर नहीं जाना है । देशहित में कल ये कदम अवश्य उठाना है, घर में ही रहना है, कहीं बाहर नहीं जाना ह...
बड़ी हैरत की बात है बेटियां जलाई जा रही हैं, और इंसाफ के नाम पर क़ातिल के जुर्म दिन बड़ी हैरत की बात है बेटियां जलाई जा रही हैं, और इंसाफ के नाम पर क़ातिल ...
कब से कुछ लिखने का सोच रहा हूँ चाह कर भी कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ कब से कुछ लिखने का सोच रहा हूँ चाह कर भी कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ
अब खुद ही मैं टूटता जा रहा हूँ या जमाने से छूटता जा रहा हूँ अब खुद ही मैं टूटता जा रहा हूँ या जमाने से छूटता जा रहा हूँ